जब एक कवि की प्रेम लेखनी शौर्य को परिणत हो जाये जो मां का वात्सल्य कभी बलिदान को परिणत हो जाये! जब बेटे को चौखट लाकर युद्ध तिलक हो जाता हो ये वही दौर इतिहासों का जो भूगोल में परिणत हो जाये!! ©बृजेन्द्र 'बावरा' #Delhi_Riots #bawraspoetry #national_safety