वेतन,सेवा टहल स्वयं की चाह नहीं की अध्धयन का अर्थ नहीं दिखा मातहत मन नहीं किया गया उतीर्ण होना अति विश्वास रहा प्रमाण-पत्र,वो नहीं ला पाया वो क्या,शोध नहीं किया कभी बस ऊँची सोच व दिवा स्वपन कई बार पराजय भी हुई जय के लिये दूरदर्शिता दिखाई उसे अदूरदर्शिता समझी गई अनेक भाव दशा आना,जाना रहा कल्पना के भोले तत्व ने साथ दिया एकनिष्ठ विश्वास,अशेष रहा कठनाई से अनुरोध आरंभ किया रहस्य का भेद प्रकट हुआ ऐहिक मत बना कविता की! अपना परिचय दो! बहुत तलाश किया लेकिन.... #तलाशकिया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #musings #life