शब्दों की बाती को, बातों से साथी को बाँध कर मिठास में, तोल कर पलास में प्रेम हृदय स्राव करे, गीतों में भाव भरे कह दे आलोक से, वृन्दा निज श्लोक से अभ्यन्तर नाद है, जीवन का वाद है चेतन मन राध है, धारा निर्बाध है हम में संसार है, हम में सब सार है हम के हम मीन हैं, हम में हम झीन हैं #शब्द #प्रेमपुष्प #गीत #आधार #तुम #हम #alokstates #vrindasays