रंगो सी बिरंगी है यहां इंसानों की बोली, बदलते हालातों सी बदल जाती है यहां झोली, मतलब का रंग बड़ा सुनहरा निखरता है, गुस्से का अंगार सरेआम बिफरता है, कर्कश वाणी तेज है जैसे बंदूक की गोली, हर मौसम अजीब है ये शब्दों कि रंगोली। बेरंग भावों में सम्पूर्ण सी लगती है, सादगी में लिपटी रंगीन सी लगती है, उदासीनता में श्वेत रंग का चढ़ा के रंगत, शांत लब्जों से दूर करें सारे संगत, शब्दों में लिपटी है विचारों की डोली, नया संचार लेके आती है शब्दों की रंगोली। कलम की नोक से कागज़ पे फुट पड़ते है, किताबों के रंगीनियत को ये पढ़ते है, चट्टानों से टकरा कर उनको भी घायल कर जाते है, कभी शहद में लिपट कर लोगों को कायल कर जाते है, कानों में मधुरता की है इसी ने रस घोली, हर भाव में रंगीन है ये शब्दों कि रंगोली। दूरदर्शन की रंगोली किसे नहीं याद होगी। हर तरह भावों से सजे गीतों की रंगोली। उसी तरह कविताओं की रंगोली है जो आप बनाते हैं। लिखिये एक कविता जिस में रंगों का ज़िक्र हो। #रंगोली #rangoli #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine