राम राम कहत हनुमंता, वो हनुमंत अब कहां से आएगा? सीता माता को खोजने , समुन्द्र पार कर कौन जाएगा? राम लखन सीता सहित, अब अयोध्या से बन को कौन जाएगा? हे राम तेरी कहानी को, कोई ना समझ पाएगा l सीता माता के जैसे, अब बन मे अकेली कौन रह पायेगी? प्रणाम है ऐसे माता को, जिसने बेवजह इतने कष्ट उठाई थी l हे माँ तेरे कोख से, दो अनमोल रतन बन आए है , राम लखन के जैसे वे भी बड़े धनुर्धाई है, नाम ही उनका सूर्यवंशी लव - कुश रघुराई है l Sun writer ©Durgesh Kumar A precious point of ramayan