मोहब्बत के इश्तिहार दिखने लगे हैं हम तो इश्क़ में मोहबत के इश्तिहार दिखने लगे है हम तो इश्क़ में बिकने लगे है महफिल में चाँद और तारे कम नज़र आते है प्यार में सब भ्रम नज़र आते है आँखो से लफ्ज़ो के दरमियाँ नज़र आते है इश्क़ छलावा है है दोस्तों खुशियों में भी गम नज़र आते है इश्क़ की चाशनी में खुद को बहकने मत देना वरना काटे भी फूल नज़र आते है, #काटे भी फूल नज़र आते है