सुहाना लगता हे मन को फ़िज़ा का ये पुलकित स्वरूप.... मौसम ! के साथ इसके रंग इसके अनोखे रूप.. कही पर छाव हे ' तो कही पर लौटकर आती धूप..... " Two lines headline - Fiza ka rang yahi to gahra he ... is zami ke mate yahi sahra he..... ©G0V!ND DHAkAD #Grassland #headline#मौसम!