कुछ लिख डालूँ ...!! पर क्या लिक्खूँ.....??? कुछ प्यार सा है तक़रार सा है कुछ अपना है कुछ सपना है कुछ बंधन जैसा लगता है कुछ जीने का मन करता है कुछ को लगता है छोड़ ही दूँ एक क्षण में जैसे तोड़ ही दूं एक करुणा मन में आती है और लंबी टीस लगाती है एक आस जगी सी रहती है एक प्यास लगी सी रहती है कुछ रिश्ते ऐसे खलते हैं बिलकुल बेमानी लगते हैं जो जीना चाहूँ जी न सकूँ कुछ चाक़ हैं अरमाँ सिल न सकूँ सिसकारी एक दबी सी है दिल में कुछ आह फसी सी है लब तक आ जाये तब मानूँ अंदर जो सांस रुकी सी है सन्नाटे बहुत डराते हैं कुछ गुजरा याद दिलाते हैं तुमको देखूं बस यही सोच आँखों को सींचे जाते हैं लिखना तो और बहुत भी था पर सोच रहा हूँ क्या लिक्खूँ ..............?? #nojoto #Kya_likhu_???