तेरे ख्यालों में आ सकते हैं तेरे ख्वाबों में आ सकते हैं मगर हकीकत में तुझसे रूबरू हो जाए ऐसी हमारी किस्मत कहाँ जो हकीकत में तुझसे रूबरू हो जाए फिर अफ़सोस, तू मुझे छू न पाए धुंधली धुंधली सी नज़र आऊंगी, तुम्हें एक रूह हूँ मैं, छू कहाँ पाऊंगी, तुम्हें मुझे महसूस कर लेना, मैं तेरी धुंधली याद हूँ, जो पुरी न हो पाए कभी, हाँ मैं वही फरियाद हूँ 🎀 Challenge-190 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।