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__डर__ अनजाने में क्या थी और क्या बन गई वो। एक '

__डर__

अनजाने में क्या थी और  क्या बन गई वो। एक 'भरोसे' ने बड़े प्यार से उसको 'धोका' दिया था।
बहुत ऊंचा उड़ना चाहती थी बादलों का सफर तय करके और ऊंचा पहुंची भी लेकिन बहुत काले भयंकर बादलों की घटा में फंस के रह गई। 
बहुत खूबसरत चीज़ हुई थी उसे लेकिन अब वही उसकी ज़िन्दगी मनहूस बना रही थी।
रूहानी समझ रही थी सब कुछ और अब ये पुरशोर गरज से घबरा गई थी,
किस और जाने से राहत मिलती क्योंकि वो तो चारों ओर से घिरी हुई थी अंधेरे में, बिजली कब कहां से गिर जाए भला उसे क्या पता चलता,फिर भी ख़ास बात ये थी कि उसे खुद उन घटाओं में खो जाने या राख बन के ज़िन्दगी से ओझल हो जाने का डर नहीं था , डर तो ये था कि मिट गई कभी तो क्या झूठी उम्मीद दिलाने वाले उस रहमदिल के ज़हन में उसका कभी किया गया वादा यादों में तब्दील होगा या नहीं...या उसकी ज़िन्दगी जीने के सबूत भी याद्दाश्त से अलविदा कह के रवाना कर दिए जाएंगे..... Title  -डर 

#NojotoApp #NojotoHindi #Dhoka #भरोसा #घटाएं #बिजली #अंधेरा #यादें #डर #बेचैनी dasta-e-humdard Parul Pinjal aamil Qureshi  Ruchi 'तितली' Mishra Bhavya Singh 🌸
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अनजाने में क्या थी और  क्या बन गई वो। एक 'भरोसे' ने बड़े प्यार से उसको 'धोका' दिया था।
बहुत ऊंचा उड़ना चाहती थी बादलों का सफर तय करके और ऊंचा पहुंची भी लेकिन बहुत काले भयंकर बादलों की घटा में फंस के रह गई। 
बहुत खूबसरत चीज़ हुई थी उसे लेकिन अब वही उसकी ज़िन्दगी मनहूस बना रही थी।
रूहानी समझ रही थी सब कुछ और अब ये पुरशोर गरज से घबरा गई थी,
किस और जाने से राहत मिलती क्योंकि वो तो चारों ओर से घिरी हुई थी अंधेरे में, बिजली कब कहां से गिर जाए भला उसे क्या पता चलता,फिर भी ख़ास बात ये थी कि उसे खुद उन घटाओं में खो जाने या राख बन के ज़िन्दगी से ओझल हो जाने का डर नहीं था , डर तो ये था कि मिट गई कभी तो क्या झूठी उम्मीद दिलाने वाले उस रहमदिल के ज़हन में उसका कभी किया गया वादा यादों में तब्दील होगा या नहीं...या उसकी ज़िन्दगी जीने के सबूत भी याद्दाश्त से अलविदा कह के रवाना कर दिए जाएंगे..... Title  -डर 

#NojotoApp #NojotoHindi #Dhoka #भरोसा #घटाएं #बिजली #अंधेरा #यादें #डर #बेचैनी dasta-e-humdard Parul Pinjal aamil Qureshi  Ruchi 'तितली' Mishra Bhavya Singh 🌸