मोहब्बत मैं सुलगती जवानी से सह रहे हैं मेरी आंखों के आंसू कुछ कहानी कह रहे हैं टूटे हैं सपने जो उम्मीदों की कली के रूखी सी पवन तन्हाई में मेरे साथ चली रे रोम रोम है जख्मी फिर भी हंसकर हम हर दर्द सह रहे हैं मेरी आंखों के आंसू आज कुछ कहानी कह रहे हैं इश्क की पनाहों में टूट के बिखर के तेरी यादों से चला हूं मैं फिर से सवर के इश्क के पंडित मुझको कहते मजनू तुझको दीवानी कह रहे हैं मेरी आंखों के आंसू आज कुछ कहानी कह रहे हैं मोहब्बत में सुलगती हम जवानी सह रहे हैं दिल है भ्रमित कैसे लिखू तेरी यादों के मुक्तक तन्हा सी महफिल कैसे गाऊं में जुदाई का सबब कुछ मोहब्बत हम आज अपनी कुछ बैगानी कह रहे हैं मेरी आंखों के आंसू आज कुछ कहानी कह रहे हैं बीते हुए लम्हे थे बहुत वो सुखद चाहे हो गलतफहमी मगर तेरा दूर हो जाना है जो दुखद मगर मोहब्बत में मुझको यूं सताना ना था इंतजार की घड़ियां यूं गिनाना ना था आज उनके लिए गिनी घड़ियों की पैमाना लिख रहे हैं मेरी आंखों के आंसू आज कुछ कहानी कह रहे हैं मोहब्बत में सुलगती हम जवानी सह रहे हैं मेरी आंखों के आंसू आज कुछ कहानी कह रहे। #love