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कैसे मनाएं हम आजादी का अमृत महोत्सव, हम आज भी पिछड

कैसे मनाएं हम आजादी का अमृत महोत्सव,
हम आज भी पिछड़े हुए हैं।
हिंदू, मुस्लिम , दलित, सिख, ईसाई..(धर्म ) के नाम पर,
हम आज भी एक दूसरे से बिछड़े हुए हैं।।
कौन सा धर्म सिखाता है हमें एक दूसरे से लड़ना_ झगड़ना,
आओ सबसे पहले मिलकर उसे खत्म करें ।
धर्म की आंधी में कब तक बहेंगे,
सबसे पहले हम इंसान बने, सबसे पहली इंसानियत की बात करें ।।
आओ हम सब पहले मिलकर इसे एक मुकम्मल राष्ट्र बनाएं,
फिर राष्ट्रीयता (देशहित ) की बात करें।
मुकम्मल हो जाएगा ,ये देश जिस दिन,
इस देश में से कोई अंबेडकर ,कोई कलाम.... निकलेगा ।।
जिस दिन हम सब धर्म, मजहब.... की राजनीति से दूर हो जाएंगे,
हर घर से ,हर दिल में तिंरगा निकलेगा

©Asheesh indian you (india) are my first & last Love 🇮🇳

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कैसे मनाएं हम आजादी का अमृत महोत्सव,
हम आज भी पिछड़े हुए हैं।
हिंदू, मुस्लिम , दलित, सिख, ईसाई..(धर्म ) के नाम पर,
हम आज भी एक दूसरे से बिछड़े हुए हैं।।
कौन सा धर्म सिखाता है हमें एक दूसरे से लड़ना_ झगड़ना,
आओ सबसे पहले मिलकर उसे खत्म करें ।
धर्म की आंधी में कब तक बहेंगे,
सबसे पहले हम इंसान बने, सबसे पहली इंसानियत की बात करें ।।
आओ हम सब पहले मिलकर इसे एक मुकम्मल राष्ट्र बनाएं,
फिर राष्ट्रीयता (देशहित ) की बात करें।
मुकम्मल हो जाएगा ,ये देश जिस दिन,
इस देश में से कोई अंबेडकर ,कोई कलाम.... निकलेगा ।।
जिस दिन हम सब धर्म, मजहब.... की राजनीति से दूर हो जाएंगे,
हर घर से ,हर दिल में तिंरगा निकलेगा

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