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(Read full poem in caption) ज़िन्दगी भी अब विवाहित

(Read full poem in caption) ज़िन्दगी भी अब विवाहित है सुबह मेरी, टकटकी लगाए
पलकों भरी निग़ाहों से
मुझमें बसी, ज़िन्दगी को देखती है
और मैं खामोश हो जाती हूँ,उस गहराई में
कि आईने ने सवाल पूछा है
की दर्पण क्या होता है??
और मैं भी बड़े आराम से कह देती हूँ
कि जिसमें तू जीता है ना, उस तस्वीर में
(Read full poem in caption) ज़िन्दगी भी अब विवाहित है सुबह मेरी, टकटकी लगाए
पलकों भरी निग़ाहों से
मुझमें बसी, ज़िन्दगी को देखती है
और मैं खामोश हो जाती हूँ,उस गहराई में
कि आईने ने सवाल पूछा है
की दर्पण क्या होता है??
और मैं भी बड़े आराम से कह देती हूँ
कि जिसमें तू जीता है ना, उस तस्वीर में

ज़िन्दगी भी अब विवाहित है सुबह मेरी, टकटकी लगाए पलकों भरी निग़ाहों से मुझमें बसी, ज़िन्दगी को देखती है और मैं खामोश हो जाती हूँ,उस गहराई में कि आईने ने सवाल पूछा है की दर्पण क्या होता है?? और मैं भी बड़े आराम से कह देती हूँ कि जिसमें तू जीता है ना, उस तस्वीर में #Photography #Life #nojotohindi #NojotoTMP