और बताओ..कैसे गुजार रहे हो जिन्दगी, हस्ते खेलते य रोते हुए काट रहे हो बोलते बोलते या चुप्पि मे गुजार रहे हो जिन्दगी, माना कि हमारी जिन्दगी मे तकलीफो कि भरमार है, फिर भी उम्मीदो ख्वाबो के सहारे है जिन्दगी आप बताओ कैसी गुजार रहे हो जिन्दगी.. पर हमार उद्देश्य कुछ अलग ओर हटके है हम वैसे नही जीना चाह्ते है जैसे आम आदमी कि जीता है सिर्फ अपने परिवार के लिये, हमे जिन्दगी को बेहतर बनाना है, इन्सानियत के लिये आप बताओ कैसे गुजार रहे हो जिन्दगी, हमने तो बता दिया कैसी हो हमारी जिन्दगी..!! ©Shreehari Adhikari369 #और सुनाओ #कुछ अपने बारे मे