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गंगा की किनारा अच्छे है नजारा पाए है जो गया है त्

गंगा की किनारा अच्छे है नजारा
पाए है  जो गया है त्रिवेणी संगम।
जहां सरस्वती की नहीं है निशान 
मगर  बिज धार है उसकी चरन।
पौराणिक मतो मै ये एक स्थल
 मुक्ति की है यही बैकुंठ मिलन
हर कोई आदमी जाते है गंगा
शान्ति से करने अस्थि विसर्जन।

©Sri batsa Meher
  गंगा

गंगा #कविता

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