समुद्र तू गहरा है पर खारा है तेरा नीर काम ना पीने के आता है सुर्य चुमता है तो तू मीठा पानी बन अम्बर में उड़ जाता है तेरी किस्मत देख जो बरसती है बूंदे अम्बर से मीठा पानी बनकर तेरा ही अंश होता है तेरे दामन में गिरता है जो मीठा पानी तेरा अहंकार उसे फिर खारा पानी कर देता है ©Rajeev Bhardwaj लेखक #NOJOTO #SHAYARI #rajeev_bhardwaj #Ocean VAniya writer *