तेरी याद आई वो सितम कोई आम न था। इन आँखों का तेरी तलाश के सिवा कुछ और काम न था। राह तक रहीं हूँ तुम्हारी अब चले आओ तुम, चाँद जब सर पर हो शाम ढले आओ तुम। #hindipoetry #twoliner #nazarbiswas