बाट जोहता राही, गिर कर राह मोहता राही हँस कर पाट सोहता राही, बस ढलता ही जाए माथ मेलता राही, पथ के साथ खेलता राही कांटों में सवार हो कर के, बस चलता ही जाए #बाट #माथ #साथ #राह #कांटे #पथ #कविता #साहित्य