जब टूट कर सब बिखरता है बिखर कर फिर बनता है उससे खूबसूरत कुछ हो ही नहीं सकता इंसान गिरता है गिर कर संभालता है संभल कर फिर गिरता है हर बार गिर कर एक नया और बेहतरीन इंसान बनता है। ©Nikhat Saifi #बिखरना