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चाय बनाते समय अक्सर मैं सोचता हूँ कि मैं इतनी यातन

चाय बनाते समय अक्सर मैं सोचता हूँ
कि मैं इतनी यातना देता हूं इसे बनाते समय
इसे आग में झोंकता हूँ इसमें जाने क्या क्या 
मिला देता हूँ, फिर भी ये
मुझे स्वाद देती है, मेरी सारी थकान मिटा देती है

फिर माँ की आवाज़ आती है
"चाय बनी के नहीं, 
तेरी चाय है या 
बीरबल की खिचड़ी"

अकस्मात ही दो आँसू
मुस्कान के साथ गालों
को थपथपाते हैं,
मुझे मेरे सवालों के जवाब 
मिल जाते हैं और 
माँ के साथ
चाय मेरी भी प्रिय हो जाती है



#माँ_और_चाय

©Prashant Shakun "कातिब" चाय बनाते समय फिर आया एक ख़याल किचन में...☺️

     "चाय और माँ"

चाय बनाते समय अक्सर मैं सोचता हूँ
कि मैं इतनी यातना देता हूं इसे बनाते समय
इसे आग में झोंकता हूँ इसमें जाने क्या क्या 
मिला देता हूँ, फिर भी ये
चाय बनाते समय अक्सर मैं सोचता हूँ
कि मैं इतनी यातना देता हूं इसे बनाते समय
इसे आग में झोंकता हूँ इसमें जाने क्या क्या 
मिला देता हूँ, फिर भी ये
मुझे स्वाद देती है, मेरी सारी थकान मिटा देती है

फिर माँ की आवाज़ आती है
"चाय बनी के नहीं, 
तेरी चाय है या 
बीरबल की खिचड़ी"

अकस्मात ही दो आँसू
मुस्कान के साथ गालों
को थपथपाते हैं,
मुझे मेरे सवालों के जवाब 
मिल जाते हैं और 
माँ के साथ
चाय मेरी भी प्रिय हो जाती है



#माँ_और_चाय

©Prashant Shakun "कातिब" चाय बनाते समय फिर आया एक ख़याल किचन में...☺️

     "चाय और माँ"

चाय बनाते समय अक्सर मैं सोचता हूँ
कि मैं इतनी यातना देता हूं इसे बनाते समय
इसे आग में झोंकता हूँ इसमें जाने क्या क्या 
मिला देता हूँ, फिर भी ये

चाय बनाते समय फिर आया एक ख़याल किचन में...☺️ "चाय और माँ" चाय बनाते समय अक्सर मैं सोचता हूँ कि मैं इतनी यातना देता हूं इसे बनाते समय इसे आग में झोंकता हूँ इसमें जाने क्या क्या मिला देता हूँ, फिर भी ये #Trending #diary #ज़िन्दगी #चायप्रेमी #InternationalTeaDay #लप्रेक #pshakunquotes #माँ_और_चाय #pशकुन #प्रशांत_शकुन_कातिब