राजीव सचान ने सामाजिक सद्भाव को संगीत चुनौती शीर्षक से लेख में अपने आलेख में हिंदू त्योहारों पर आयोजित होने वाली शुभ यात्रा पर एक वर्ग विशेष द्वारा किए जाने वाले हिंसक आक्रमण सहित समाज में बढ़ती धार्मिक कट्टरता पर गंभीर टिप्पणी की है इसमें कोई दो राय नहीं है अधिकांश मामलों में धार्मिक जुलूस के ऊपर किए जानेवाले हमले सुरोजित होते हैं सुबह यात्राओं से पहले यह जिस तरह से पत्थर डंडे और तलवार को इकट्ठा कर कर रखे हैं जिस तरह से दंगे मोहन द्वारा मोहल्ले फैमिली उससे संबंधित कोई संदेश नहीं रह जाता करौली खरगोन और 9 और 10 जैसे क्षेत्रों में यह दंगे इतनी भयानक थी कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के साए में जी रहे हैं अच्छी बात यह है कि दंगों में शामिल रहे लोगों के धर पकड़ हो रही है उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा रही हिंसा के आरोप लगाया गया है इसके का सवाल यह भी है कि देश भर में बढ़ रही और उनके वर्तमान किया जा सकता है ©Ek villain #बदले आई पी सी का वर्तमान ढांचा #shaadi