पग-पग पे तेरा निशां देखता हूँ, सारे जहाँ में तेरा ही ज्लवा देखता हूँ, जब भी होता हूँ तन्हा ऐ अजीत तो खोलकर किताब तेरा शायरी पढ़ लेता हूँ। अजीत भाई यादव। #NojotoQuote जब तन्हा होता हूँ तो शायरी पढ़ लेता हूँ