माना कि हीर-रांझा, लैला-मजनू करना सिखा गए, ये कवि, लेखक उस पर गजल और गीत गुनगुना गए| मगर कर दिखाने का जुनून और हौंसला तो उनसे पूछिए ..... जो खुद तो लुट गए मुस्कुराते हुए, मगर वतन से मोहब्बत निभा गए|| ©' मुसाफ़िर ' #IndianArmy #PulwamaAttack