#OpenPoetry तेरा ख़्याल(अतुकान्त) ओ तुझको बड़े प्यार से दूर से ही देर तक निहारना तेरे मुड़कर देखने पर डर की वज़ह से सिर खुजलाना चाहत थी तुझसे बात करने की........ पर शुरुआत कैसे करूं क्या कहूँ कि तुझे मेरी बातों से प्यार का एहसास हो जाये..... तेरा दिल कभी ना दु:खाऊँगा ऐसा वायदा कर दूँ सच में तुझसे ढ़ेर सारी बात करना चाहता था पर अफसोस ......... .............………….. इस ख़्याल से डरता था कहा आप इतनी खूबसूरत लाजवाब अदा, मृगनयनी आँखे, बेमिसाल हुस्न चेहरे की चमक और उस पर प्यारी सी मुस्कान मुझ पर कैसे कहर ढ़ाती है ये कैसे बयां करूं बात तो नहीं करता पर तेरे ख़्वाबों,ख़्यालो में जो शायराना अंदाज़ आया वह किसी मुकम्मल जहां से कम नहीं हाँ , आज़ भी ये सोचकर रो देता................ .......... .... ... .. जब आपकी सहेली ने बताया कि आप भी बेपनाह मोहब्बत करती थी बस शुरूआत मुझसे ही चाहती थी आखिर ये बिछड़ने के बाद पता चला पर तब तक आप किसी और की अमानत हो गयी थी और आज़ मैं आपका आशिक़ तो नही.................... पर इक शायर बन गया,....... ... ... .. ................ ऐसा शायर जिसको कागज़ और कलम से बेपनाह मोहब्बत है जिससे दिल की सारी बातें बेझिझक कहता हूँ । -देव फैजाबादी #NojotoQuote #तेरा ख़्याल (अतुकान्त) #nojotohindi#love#poetry#