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खुद को देखना है कहा़: खड़ा अंधेरों में रोशनी की त

खुद को देखना है कहा़: 
खड़ा अंधेरों में रोशनी की तलाश में।
जंजीरों में मौत की आस में।
 जलते खुद को उखड़ती हुईं सांस में।
किसी के इंतजार में, तपती धूप सुखी घास में।
बिलखता हुआ मौत के पास में।

खुद को देखना है कहा: 
रोशनी में खड़ा उजालों की बरसात में।
आजादी तेरी अपनी ना किसी के साज में।
भिगो के सारी ज़मी हरी भरी सौगात में।
ना किसी की कमी न किसी का गम।
हसता हुआ जिंदगी के पास में।
उड़ता हुआ असमानो में जीने की आस में।

©Kamu @Cute Shayar motivate yourself

#lonely
खुद को देखना है कहा़: 
खड़ा अंधेरों में रोशनी की तलाश में।
जंजीरों में मौत की आस में।
 जलते खुद को उखड़ती हुईं सांस में।
किसी के इंतजार में, तपती धूप सुखी घास में।
बिलखता हुआ मौत के पास में।

खुद को देखना है कहा: 
रोशनी में खड़ा उजालों की बरसात में।
आजादी तेरी अपनी ना किसी के साज में।
भिगो के सारी ज़मी हरी भरी सौगात में।
ना किसी की कमी न किसी का गम।
हसता हुआ जिंदगी के पास में।
उड़ता हुआ असमानो में जीने की आस में।

©Kamu @Cute Shayar motivate yourself

#lonely