खिड़की बंद पड़ी है कब से, तरस गए कांन्हा, तेरे दर्शन के लिए। खुलेगी जब भी ये, कांन्हा हम मुसकराऐगे दिल से।PiY@Poonamaggarwal खिड़की तो एक रूपक है। खिड़की विचारों की हो सकती है। कल्पना की, बुद्धि की, साहस की हो सकती है। खिड़की किसी की निगाह हो सकती है। अपनी कल्पनाशीलता को उड़ान दीजिये और खिड़की के नए बिम्ब तलाश करते हुए रचना करें। #खिड़की #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi##PiY@Poonamaggarwal(4)