हवा भी चल रही है मगर तू ही नहीं है फिज़ा रंगीन वही है कहानी केह रही है मुझे जितना भुलाओ मैं उतना याद आऊं कभी यादों में आऊं कभी ख़्वाबों में आऊं ©NR production (Nisha Ritesh) हवा भी चल रही है मगर तू ही नहीं है फिज़ा रंगीन वही है कहानी केह रही है मुझे जितना भुलाओ मैं उतना याद आऊं कभी यादों में आऊं कभी ख़्वाबों में आऊं