Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं और मेरी किताबे मेने बंद पडी़ धूल से भरी किताब

मैं और मेरी किताबे

मेने बंद पडी़ धूल से भरी किताबो को 
अपनी एक दिन देखा,,
सोचा वो दिन भी क्या दिन थे जब मैं 
और मेरी किताबे हुआ करती थी।

समय बीतने के साथ साथ,इन किताबो 
का घर कब केसे धूल बन गया"अच्छा तो
नहीं लग रहा था ,,दोस्तो,, फिर मेने कुछ
अपनी अधूरी लिखी एक किताब उठा़ई ,,

सोचा पूरा करूँ या रहने दूँ,एक तरफ़ 
मन ,दूसरी तरफ़ जिम्मेदारीयां,,हर
तरफ़ शोर ही शोर,,यदि लिख भी लूँ तो 
क्या,,लोगो तक पहुँचाऊँ ,ना जाने पड़ना पसंद 
करेगे भी के नहीं।।

उलझन जो थी,आज उन किताबो से धूल हटा ली हैं
शायद लिख भी लूँ,या शायद ना लिख सकूँ,या फिर 
यह कहलो लिख ने के बाद ,आप तक ना 
पहुँचाऊँ...?
 #NojotoQuote
मैं और मेरी किताबे

मेने बंद पडी़ धूल से भरी किताबो को 
अपनी एक दिन देखा,,
सोचा वो दिन भी क्या दिन थे जब मैं 
और मेरी किताबे हुआ करती थी।

समय बीतने के साथ साथ,इन किताबो 
का घर कब केसे धूल बन गया"अच्छा तो
नहीं लग रहा था ,,दोस्तो,, फिर मेने कुछ
अपनी अधूरी लिखी एक किताब उठा़ई ,,

सोचा पूरा करूँ या रहने दूँ,एक तरफ़ 
मन ,दूसरी तरफ़ जिम्मेदारीयां,,हर
तरफ़ शोर ही शोर,,यदि लिख भी लूँ तो 
क्या,,लोगो तक पहुँचाऊँ ,ना जाने पड़ना पसंद 
करेगे भी के नहीं।।

उलझन जो थी,आज उन किताबो से धूल हटा ली हैं
शायद लिख भी लूँ,या शायद ना लिख सकूँ,या फिर 
यह कहलो लिख ने के बाद ,आप तक ना 
पहुँचाऊँ...?
 #NojotoQuote