मेरी प्रिय सखी आज तुम्हारा पत्र मिला। मैं तुम्हारी माँ की पहनी हुई साड़ी ही नहीं बल्कि तुम्हारे बचपन की यादों को खुद पर समेटे एक याद हूँ जिसे तुम्हारी माँ तुम्हारे पास सुरक्षित रखना चाहती थीं। मेरे हर धागे पर लिपटा तुम्हारे लिए उनका प्यार आज भी मेरी खूबसूरती को बरकरार रखे हुए हैं। भले ही मेरा रंग फीका पड़ गया हो, लेकिन उसमें तुम्हारे हाथों की हल्दी की महक अब भी मौजूद हैं। तुम्हारे आँसुओ से भीगा ये आँचल तुम्हारी याद में नम हुई माँ की आँखे भी छुपाता रहा। उनका स्नेह बार बार मुझसे होकर आज तुम्हारे साथ हैं। आज भी मैं उम्मीद करती हूँ कि मैं तुम्हारी रूपसज्जा का अभिन्न अंग बनूँगी औऱ तुम्हारी बेटी को भी तुम्हारे प्यार से अनुभूत करूँ तुम्हारी माँ के स्नेह में रंगी तुम्हारी प्रिय साड़ी प्रिय Raag के पत्र से अभिभूत एक साड़ी का जवाबी पत्र..... #rzमहफ़िल #rzमहफ़िल3 #restzone #yqrestzone #रागांश