सजा क्या खूब मिली हमे दिल लगाने के,, खटक रहे हैं हम अब तक नजरो में जमाने के,, गमो में पले बढ़े हुए हैं हम तो,हमे अब आदत होगी है गमो में भी अब मुस्कुराने के,, आदत हैं हमे मुस्कुराने के,,,