मुझसे वो ऐसे गुज़र रहा जैसे किरनें निकले शीशे के पार प्रेम की कोई सीमा नहीं हर देश चले इसका व्यापार भेज तू रंग अपनी पसंद का हो जाऊँ मैं उससे सरोबार जो उतरा तुझमें वो डूब गया जो डूबा तुझमें वो हो गया पार... © abhishek trehan सुप्रभात। प्रेम के रंग में रंग लो जीवन सारा, यह प्रेम ही है लोक और परलोक का सहारा। #प्रेमरंग #yqdidi #manawoawaratha #inspirethroughwritng #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi