इंसानियत मर गई हत्यारे हैं चारों ओर मत चौंक तू ऐसे तू भी खड़ा उस ओर बीती रात की घटना है हर रात की घटना है होती देख दुर्घटना तूझको आँखें फेर के कटना है... खून से लथपथ हैं राहें इनसे होकर गुजरना है डर इतना हो गया है कि मुश्किल अब ईमान को ज़िंदा रखना है... खुद की हत्या मे तू खुद भी है शामिल तफ़तीश क्या करना है खून से रंगे हैं हाथ तेरे हत्यारा नही है तू ये तुझे खुद ही साबित करना है......... #अंजान..... #RIPHUMANITY #nowordstosay #निशब्द....