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सच कहूं, मोहब्बत नही है तुमसे बस तेरा साथ अच्छा लग

सच कहूं,
मोहब्बत नही है तुमसे
बस तेरा साथ अच्छा लगता हैं
जानता भी नही हूं तुम्हे
बस तुम्हारा नाम अच्छा लगता हैं
ज़रूरत नही है तुम्हारी
लेकिन तेरे करीब होने का एहसास अच्छा लगता हैं



बहुत ही कश-म-कश में हूं कि कैसे करूँ ये हाल-ए-दिल बया
तेरा खुद-ब-खुद समझ जाना अच्छा लगता हैं
ज़िन्दगी से हार गया था मैं, प्यार जता जिताया है तूने
मदद नही एहसान है तेरा, मगर हर बार छिपाया है तूने
लाख ये सारा ज़माना रो जाए, मुझे फ़र्क़ नही पड़ता
तेरा हल्का सा मुस्कुरा जाना बहुत अच्छा लगता हैं
तुझसे लड़ झगड़ने का ज़रा भी डर नही है मुझे
तुझे बार-बार मनाना जो अच्छा लगता हैं
मैं ज़िद्द करता हूं तू हर बार झुटला देती हैं
मैं नाराज़ हो जाता हूं जो तू समझा भी लेती हैं
नही करूँगा ज़िद्द कभी ये वादा करवाना
फिर हल्के से मेरे कानों में मेरी ज़िद्द को हाँ कर जाना
पता है मुझे कि तू समझती है मजबूरी मेरी
तेरा बस ये समझ जाना अच्छा लगता हैं
थक जाता हूं मैं दिनभर की भाग दौड़ से
वो रात को तेरा मीठी सी लोरी सुनाना अच्छा लगता हैं
बहुत बेबाक है तू इस दुनिया के लिए
लेकिन तेरा मेरे आगे शर्मा जाना अच्छा लगता हैं
उदास जब भी मैं होता हूं, चेहरे पे तेरे भी उदासी भर आती हैं
और एक हँसी लाने के लिए न जाने तू क्या-क्या कर जाती हैं
उन तमाम कोशिशों बाद तेरा गले लग जाना अच्छा लगता हैं
हाँ! गुस्सा भी आता है कई बार तेरी नादानियों पर
लेकिन उन्ही नादानियों पर मुझे मुस्कुराना अच्छा लगता हैं
दूर हूं तुझसे, फासले है हमारे दरमियाँ, परवाह नही
एक दिन तो आखिर में हमे मिल ही जाना हैं
नजदीक होगी तू मेरे, वो नजदीकियाँ सोचना अच्छा लगता हैं
मोहब्बत नही है तुमसे
बस तुम्हारा साथ अच्छा लगता हैं ।

 सच कहूं,
मोहब्बत नही है तुमसे
बस तेरा साथ अच्छा लगता हैं
जानता भी नही हूं तुम्हे
बस तुम्हारा नाम अच्छा लगता हैं
ज़रूरत नही है तुम्हारी
लेकिन तेरे करीब होने का एहसास अच्छा लगता हैं
बहुत ही कश-म-कश में हूं कि कैसे करूँ ये हाल-ए-दिल बया
सच कहूं,
मोहब्बत नही है तुमसे
बस तेरा साथ अच्छा लगता हैं
जानता भी नही हूं तुम्हे
बस तुम्हारा नाम अच्छा लगता हैं
ज़रूरत नही है तुम्हारी
लेकिन तेरे करीब होने का एहसास अच्छा लगता हैं



बहुत ही कश-म-कश में हूं कि कैसे करूँ ये हाल-ए-दिल बया
तेरा खुद-ब-खुद समझ जाना अच्छा लगता हैं
ज़िन्दगी से हार गया था मैं, प्यार जता जिताया है तूने
मदद नही एहसान है तेरा, मगर हर बार छिपाया है तूने
लाख ये सारा ज़माना रो जाए, मुझे फ़र्क़ नही पड़ता
तेरा हल्का सा मुस्कुरा जाना बहुत अच्छा लगता हैं
तुझसे लड़ झगड़ने का ज़रा भी डर नही है मुझे
तुझे बार-बार मनाना जो अच्छा लगता हैं
मैं ज़िद्द करता हूं तू हर बार झुटला देती हैं
मैं नाराज़ हो जाता हूं जो तू समझा भी लेती हैं
नही करूँगा ज़िद्द कभी ये वादा करवाना
फिर हल्के से मेरे कानों में मेरी ज़िद्द को हाँ कर जाना
पता है मुझे कि तू समझती है मजबूरी मेरी
तेरा बस ये समझ जाना अच्छा लगता हैं
थक जाता हूं मैं दिनभर की भाग दौड़ से
वो रात को तेरा मीठी सी लोरी सुनाना अच्छा लगता हैं
बहुत बेबाक है तू इस दुनिया के लिए
लेकिन तेरा मेरे आगे शर्मा जाना अच्छा लगता हैं
उदास जब भी मैं होता हूं, चेहरे पे तेरे भी उदासी भर आती हैं
और एक हँसी लाने के लिए न जाने तू क्या-क्या कर जाती हैं
उन तमाम कोशिशों बाद तेरा गले लग जाना अच्छा लगता हैं
हाँ! गुस्सा भी आता है कई बार तेरी नादानियों पर
लेकिन उन्ही नादानियों पर मुझे मुस्कुराना अच्छा लगता हैं
दूर हूं तुझसे, फासले है हमारे दरमियाँ, परवाह नही
एक दिन तो आखिर में हमे मिल ही जाना हैं
नजदीक होगी तू मेरे, वो नजदीकियाँ सोचना अच्छा लगता हैं
मोहब्बत नही है तुमसे
बस तुम्हारा साथ अच्छा लगता हैं ।

 सच कहूं,
मोहब्बत नही है तुमसे
बस तेरा साथ अच्छा लगता हैं
जानता भी नही हूं तुम्हे
बस तुम्हारा नाम अच्छा लगता हैं
ज़रूरत नही है तुम्हारी
लेकिन तेरे करीब होने का एहसास अच्छा लगता हैं
बहुत ही कश-म-कश में हूं कि कैसे करूँ ये हाल-ए-दिल बया

सच कहूं, मोहब्बत नही है तुमसे बस तेरा साथ अच्छा लगता हैं जानता भी नही हूं तुम्हे बस तुम्हारा नाम अच्छा लगता हैं ज़रूरत नही है तुम्हारी लेकिन तेरे करीब होने का एहसास अच्छा लगता हैं बहुत ही कश-म-कश में हूं कि कैसे करूँ ये हाल-ए-दिल बया