#WorldPostDay, चिट्ठी न कोई सन्देश, अब लौट आ अपने देश, तुझे तेरे अपने पुकारे, माँ की आँखे धुंधला सी गयी हैं, झुक गयी बापू की कमर भी, छत घर की टपक रही है, तुमसे मिलन को प्रेयसी तड़प रही है, फर्ज किये तूने पूरे सारे, मेरे प्यार का कर्ज भी अब उतरे, थक गई आँखें आँसू भी सूख चले हैं, बच्चों का बचपन खोया तुमने, खोया अपना देश, पिया अब लौट आ अपने देश।। #अंकित सारस्वत# #चिठ्ठी ना कोई संदेश