इंसानियत का जश्न मनाने लगे हैं लोग और अपने ही घाटों को आग लगाने लगे हैं लोग। ओर अब तीर सिने पर आएगा ये भूल जाइए अब पीठ पर तीर चलाने लगे हैं लोग अब खेतों को पानी की जरूरत नहीं रही क्योंकि पानी की तरह खून बहाने लगे हैं लोग। के के सिन्हा🥀एक्स,आर्मी जय🇮🇳हिन्द ©Krishana Kant Sinha #StarsthroughTree