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खुद की तलाश में निकले तो अंजाम तक पहुंचे ही नहीं ख

खुद की तलाश में निकले तो
अंजाम तक पहुंचे ही नहीं
खुद को हम मिले ही नहीं
और खुद से भी मिले नहीं
ऐसा क्या है जो मुझमें ही
आजतक मुझे मिला नहीं
पता औरो से चला मुझे
मेरी खूबी, मेरी खामी
खुद आजतक मुझे मेरा ऐब 
पता चला ही नहीं।
सफर जारी है अब भी खुद
को ढूंढने की, रास्ता है कितनी दूर
ये मुझे पता अब भी नही
ढूंढ पाई खुद को तो सार्थक है जिंदगी
वरना जीने का मकसद संच में पता नही
पता नही।।

©Pinki Singh #arabianhorse #poem #Nojoto #newthought
खुद की तलाश में निकले तो
अंजाम तक पहुंचे ही नहीं
खुद को हम मिले ही नहीं
और खुद से भी मिले नहीं
ऐसा क्या है जो मुझमें ही
आजतक मुझे मिला नहीं
पता औरो से चला मुझे
मेरी खूबी, मेरी खामी
खुद आजतक मुझे मेरा ऐब 
पता चला ही नहीं।
सफर जारी है अब भी खुद
को ढूंढने की, रास्ता है कितनी दूर
ये मुझे पता अब भी नही
ढूंढ पाई खुद को तो सार्थक है जिंदगी
वरना जीने का मकसद संच में पता नही
पता नही।।

©Pinki Singh #arabianhorse #poem #Nojoto #newthought
pinkisingh5511

Pinki Singh

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