मैं लिखूंगी, मुझे लिखने दो यारा। अगर बन गई लेखिका, तो समाज के उन रिवाज की खैर नहीं जिसका अंत किसी मासूम की जान है। जैसे:- दहेज ©Ichu shekhawat #dahej_pratha