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"टूट गयी वीणा माँ, मैं उसकी तार हूँ! गूँजती हृदय

"टूट गयी वीणा माँ, 
 मैं उसकी तार हूँ!
गूँजती हृदय में माँ,
मौन वो पुकार हूँ....
जो न चढ़ सका तुम्हे
मैं वो ही पुष्प हार हूँ।
जो टूट कर बिखर गयी,
माँ वो ही शब्द क्षार हूँ....
तुम अगर जो ध्यान दो माँ,
गीत का मैं सार हूँ।
माता वीणा दायनी,
मैं तेरी प्रकार हूँ....
तुम विधा कि देवि हो,
मैं मांगती उधार हूँ।
माँ हो मेरी तुम सुनो,
मैं बेपनाह प्यार हूँ....
धर के छाँव शीश माँ,
प्रेम की मैं धार हूँ।
भीख दो सुती को माँ,
मैं रिक्त एक धार हूँ....
✍🏻 पूनम बगड़िया "पुनीत" #NojotoQuote शीर्षक: "माँ सरस्वती-वन्दना"

टूट गयी वीणा माँ, 
मैं उसकी तार हूँ।
गूँजती हृदय में माँ,
मौन वो पुकार हूँ।।

जो न चढ़ सका तुम्हे
"टूट गयी वीणा माँ, 
 मैं उसकी तार हूँ!
गूँजती हृदय में माँ,
मौन वो पुकार हूँ....
जो न चढ़ सका तुम्हे
मैं वो ही पुष्प हार हूँ।
जो टूट कर बिखर गयी,
माँ वो ही शब्द क्षार हूँ....
तुम अगर जो ध्यान दो माँ,
गीत का मैं सार हूँ।
माता वीणा दायनी,
मैं तेरी प्रकार हूँ....
तुम विधा कि देवि हो,
मैं मांगती उधार हूँ।
माँ हो मेरी तुम सुनो,
मैं बेपनाह प्यार हूँ....
धर के छाँव शीश माँ,
प्रेम की मैं धार हूँ।
भीख दो सुती को माँ,
मैं रिक्त एक धार हूँ....
✍🏻 पूनम बगड़िया "पुनीत" #NojotoQuote शीर्षक: "माँ सरस्वती-वन्दना"

टूट गयी वीणा माँ, 
मैं उसकी तार हूँ।
गूँजती हृदय में माँ,
मौन वो पुकार हूँ।।

जो न चढ़ सका तुम्हे