दहन के लिए, हम आज फ़िर जाएंगे बुराई के रूप में, फ़िर उस रावण को जलाएंगे चीर हरण का, वो पाप है जिसके नाम, उस दुर्योधन के पाप को, हम फ़िरसे भूल जाएंगे! दहन के लिए हम आज फ़िर जाएंगे अपरहण के भी बाद, ना जिसने लगाया था हाथ उसी रावण को हम, दोशी फ़िर ठहराएंगे लगाकर उसमें आग, बताकर उसको पाप दशहरे का फ़िर, जश्न हम मनाएंगे कलयुग के हर पापी को, रावण हम बताएंगे बुराई का है वो प्रतीक, ये फ़िरसे बच्चों को पढ़ाएंगे बुरा असल में कोन है, हम फ़िर ना समझ पाएंगे जलाकर हम फ़िर रावण को, घर अपने लौट आएंगे दहन के लिए, हम आज फ़िर जाएंगे! बुरा असल में कोन है? #dussera #poetry #nojotopoetry दहन के लिए, हम आज फ़िर जाएंगे बुराई के रूप में, फ़िर उस रावण को जलाएंगे चीर हरण का, वो पाप है जिसके नाम, उस दुर्योधन के पाप को, हम फ़िरसे भूल जाएंगे! दहन के लिए हम आज फ़िर जाएंगे अपरहण के भी बाद, ना जिसने लगाया था हाथ उसी रावण को हम, दोशी फ़िर ठहराएंगे