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#भारत "भारत" है ऐसा भू - भाग जहाँ, सभी धर्म

#भारत 

"भारत" है  ऐसा  भू - भाग  जहाँ, 
सभी धर्म मजहब के लोग रहते हैं। 
प्यार   से   इस   को   माटी   को , 
हम  "भारत"   माता  कहते  हैं ।। 

इसके उत्तर में हिम गिरी हिमालय , 
जिसे हम भारत का प्रहरी कहते हैं। 
देख  कर  इसके  विशाल  काया को , 
दुश्मन  भी  सदेव भयभीत  रहते  हैं।। 

जहाँ लोग  नदियों  की  पूजा करते , 
सूर्य   देव   को   अर्घ्य   चढ़ाते   हैं । 
पवित्र    गंगा   में   गोता   लगाकर, 
सुबह शाम  हर - हर  गंगे  गाते  हैं ।। 

बसते हैं  रज   के   कण  -  कण   में , 
परम्पराओं    का   परिधान   है  जहाँ । 
संस्कृति  है  इसकी  अनमोल  धरोहर, 
पढते हैं संग में गीता और कुरान यहाँ ।। 

ऋषि - मुनियों   की   है   यह   भूमि, 
महापुरुषों और विद्वानों का वरदान है। 
संस्कृत  के   हर   श्लोकों   में    छिपा, 
आयुर्वेद ,गीता  और  खगोल विज्ञान है।।

एक  सौ  पेंतीस  करोड़  जन  यहां 
एक साथ जन मन गीत को गाते हैं। 
इसकी सोलह  सौ  अठारह  भाषाएँ 
फिर भी एक साथ होली ईद मनाते हैं।। 

हम  उत्तर  से  लेकर  दक्षिण  तक, 
इसके पूरब  से  लेकर पश्चिम तक । 
केसरिया, श्वेत और  हरे  रंगों  वाली, 
हम बस एक ही तिरंगा फहराते हैं।। 
Kundan's poetry #Bharat
#satyaprem #amandeep #ArunRena #NojotoVideo #nojotost #shivisharma #najoto #Mittal
#भारत 

"भारत" है  ऐसा  भू - भाग  जहाँ, 
सभी धर्म मजहब के लोग रहते हैं। 
प्यार   से   इस   को   माटी   को , 
हम  "भारत"   माता  कहते  हैं ।। 

इसके उत्तर में हिम गिरी हिमालय , 
जिसे हम भारत का प्रहरी कहते हैं। 
देख  कर  इसके  विशाल  काया को , 
दुश्मन  भी  सदेव भयभीत  रहते  हैं।। 

जहाँ लोग  नदियों  की  पूजा करते , 
सूर्य   देव   को   अर्घ्य   चढ़ाते   हैं । 
पवित्र    गंगा   में   गोता   लगाकर, 
सुबह शाम  हर - हर  गंगे  गाते  हैं ।। 

बसते हैं  रज   के   कण  -  कण   में , 
परम्पराओं    का   परिधान   है  जहाँ । 
संस्कृति  है  इसकी  अनमोल  धरोहर, 
पढते हैं संग में गीता और कुरान यहाँ ।। 

ऋषि - मुनियों   की   है   यह   भूमि, 
महापुरुषों और विद्वानों का वरदान है। 
संस्कृत  के   हर   श्लोकों   में    छिपा, 
आयुर्वेद ,गीता  और  खगोल विज्ञान है।।

एक  सौ  पेंतीस  करोड़  जन  यहां 
एक साथ जन मन गीत को गाते हैं। 
इसकी सोलह  सौ  अठारह  भाषाएँ 
फिर भी एक साथ होली ईद मनाते हैं।। 

हम  उत्तर  से  लेकर  दक्षिण  तक, 
इसके पूरब  से  लेकर पश्चिम तक । 
केसरिया, श्वेत और  हरे  रंगों  वाली, 
हम बस एक ही तिरंगा फहराते हैं।। 
Kundan's poetry #Bharat
#satyaprem #amandeep #ArunRena #NojotoVideo #nojotost #shivisharma #najoto #Mittal