मुश्किल कुछ कर गया हूं मैं वक्त रहते संभल गया हूं मैं बहते आंसुओं से पिघल गया हूं मैं अंदर के गुस्से को निगल गया हूं मै हकीकत से दूर निकल गया हूं मैं वादें कर खुद से मुकर गया हूं मैं खुद के करीब आकर फिसल गया हूं मैं उम्मीदों से ज्यादा अब बदल गया हूं मैं भरोसा कर गैरों पर बिखर गया हूं मैं हिम्मत कर खुद से उलझ गया हूं मैं ©Chanky Rohira #Hindi #nojoto #Life #poem #kavita