आप तो चले गए पर आपकी यादों में हम सँवर गये, क्या कहे अब तसव्वुर में मेरी आप ही बस उतर गये, आज भी याद है अग्यार की वादियों में हम तुम मिले, बंधी दिल की डोर ऐसे कि हम तो तेरे रहगुज़र हो गये, पल पल मेरी नफ़सो में तेरी ही भावनाओं का झर बहता, आत्मविलोप हम बेशक़ हो जाये,जीस्त तेरे नाम कर गये। A challenge by Collab Zone🌟 ✔️समय - 28 फरवरी शाम ५ बजे तक ✔️ ४-६ पंक्तीयो में ही रचना लिखनी है । ✔️Collab करने के बाद कमेंट में done लिखना है । वरना हमारी नजरों से आपकी रचना छूट सकती हैं ।