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चलते-चलते हम थक जाते हैं, मगर रास्ते कहाँ थकते हैं

चलते-चलते हम थक जाते हैं,
मगर रास्ते कहाँ थकते हैं।
रुकना हमें है अपनी मंजिल पे,
रास्ते कहाँ एक जगह रुकते हैं।

©Diwan G #माहर_हिंदीशायर #चलते_चलते #रास्ते

#Twowords
चलते-चलते हम थक जाते हैं,
मगर रास्ते कहाँ थकते हैं।
रुकना हमें है अपनी मंजिल पे,
रास्ते कहाँ एक जगह रुकते हैं।

©Diwan G #माहर_हिंदीशायर #चलते_चलते #रास्ते

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