कुछ मीठे कुछ तीखे बीत गये वो लम्हे , सच्चे झुठे जैसै भी थे,पावन से लम्हे , चेहरे की रौनक थी जिनसे ,बुने थे जो लम्हे , मोहक सी कुछ बातें जिनमें ,बन गये कुछ सपने छूट गये सब जाने कैसे ,न मिल पाएँगे वो हमें , पल.पल का अहसास दिला जाते वो लम्हे , सच यहीं की फिर कभी ना लौट आएँगे वो लम्हे । @स्वाति की कलम से #nojotopoetry#lame #swatikikalamse