कैसे मनाए हम पर्व आजादी का, आजाद तो हम आज भी नहीं हैं, बंधे हुए हैं आज भी इन गुलामी की जंजीरों से, आज भी लड़कियाँ गुलाम हैं उन हवसी दरिंदों की, आज भी लड़कियाँ डरती हैं घर से बाहर निकलने से पहले, आज भी माँ बाप सोचते हैं लड़की को बाहर पढ़ने भेजने के लिए कि कहीं हमारी इज्ज़त को दाग़ ना लग जाए, गुलाम तो आज भी हैं हम उन हवसी दरिंदों के, तो कैसे मनाए हम पर्व आजादी का। ©pawan_preet_kaur_ #shayri #selfwriten #independence #insecuregirls #rape #nofreedom #nosafety