Nojoto: Largest Storytelling Platform

छोड़ दिया था जिस पथ पर चलना उस पर तुम मेरे साथ चलो

छोड़ दिया था जिस पथ पर चलना
उस पर तुम मेरे साथ चलोगी,

छोड़ रहा था तारीफ़ लिखना 
तुम हर रोज़ अब मेरे अल्फाज़ बनोगी,

जमाना बहुत कोशेगा तुम्हें भी
तुम्हें भी वो बदनाम कर देंगे,

फ़र्क नही पड़ता तुम उम्र भर मेरा साथ दोगी
मजा़क तो नही कर रहे हो अब मै सह ना पाऊंगा,

यकीन करो मैं तुम्हारा हाथ थाम कर हर राह पर चलूंगी
...........        

(कृपया अनुशीर्षक में पढे़......)
 तुम मुझे लिखे अपनी शायरी में मै हक तुम्हें देती हूँ
तुम श्रृंगार लिखो अपनो अल्फा़जो में मै अधिकार तुम्हें देती हूं..

यौवन का सौन्दर्य ,प्रीत का अनुभव मैं तुम्हारे नाम करती हूँ,

स्वीकार करती हूँ उपनाम तुम्हारा ,क्या तुम मेरा श्रृंगार बनना स्वीकार करोगे

सजाना चाहती हूं तुम्हें अपनी मांगों में क्या तुम मेरी मांग भरना स्वीकार करोगे....  !!
छोड़ दिया था जिस पथ पर चलना
उस पर तुम मेरे साथ चलोगी,

छोड़ रहा था तारीफ़ लिखना 
तुम हर रोज़ अब मेरे अल्फाज़ बनोगी,

जमाना बहुत कोशेगा तुम्हें भी
तुम्हें भी वो बदनाम कर देंगे,

फ़र्क नही पड़ता तुम उम्र भर मेरा साथ दोगी
मजा़क तो नही कर रहे हो अब मै सह ना पाऊंगा,

यकीन करो मैं तुम्हारा हाथ थाम कर हर राह पर चलूंगी
...........        

(कृपया अनुशीर्षक में पढे़......)
 तुम मुझे लिखे अपनी शायरी में मै हक तुम्हें देती हूँ
तुम श्रृंगार लिखो अपनो अल्फा़जो में मै अधिकार तुम्हें देती हूं..

यौवन का सौन्दर्य ,प्रीत का अनुभव मैं तुम्हारे नाम करती हूँ,

स्वीकार करती हूँ उपनाम तुम्हारा ,क्या तुम मेरा श्रृंगार बनना स्वीकार करोगे

सजाना चाहती हूं तुम्हें अपनी मांगों में क्या तुम मेरी मांग भरना स्वीकार करोगे....  !!