*डिग्री और पात्रता परीक्षाएँ --संदेहास्पद* *क्या तमाशा है हर विभाग में दुष्कर्म हो रहे हैं , घोटाले हो रहे हैं , निंदनीय कृत्य हो रहे हैं !* और कर रहे हैं डिग्री धारी,,,योग्य उम्मीदवार जिनको सरकार ने चुना । अगर सरकार डिग्री की बजाय व्यवहारिक ज्ञान और व्यवसायिक समझ देखकर नौकरी देती तो शायद ऐसा नहीं होता.. डिग्री तो बिकाऊ होती है लेकिन उत्तम चरित्र कहीं नहीं बिकता.. सरकार को नीति बदलनी होगी,, किसी भी विभाग में नौकरी का आधार व्यक्ति का चरित्र ,उसका व्यवहारिक ज्ञान, और व्यवसायिक समझ जरूरी है बिकाऊ डिग्रियां .. और पात्रता परीक्षाएं नहीं.. क्योंकि डिग्री और पात्रता परीक्षाएं तो घोटाला करके भी ली दी जा सकतीं हैं .. किंतु व्यहारिक और व्यवसायिक दक्षता केवल अनुभव से ही प्राप्त होती है । इसलिए किसी भी विभाग में कागजी ढेर के आधार पर नौकरी देना बंद करें सिर्फ व्यवसायिक व व्यवहारिक दक्षता देखकर नौकरी दें । इस पर भी सबसे पहले व्यक्ति के नैतिक मूल्यों की परख करें । *जिसमें सज्जनता नहीं वो किसी भी विभाग में नौकरी करने के लिए सुपात्र नहीं होना चाहिए।* कवयित्री-प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान* सागर मध्यप्रदेश ( 17 दिसंबर 2022 ) ©Pratibha Dwivedi urf muskan #प्रतिभा #प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे #स्वरचितविचार #शिक्षा #शिक्षक #शिक्षण #नोजोटो Geeta Modi