White "दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है, आख़िर इस दर्द की दवा क्या है?" आज इस शेर का असली मतलब समझ आया... जब मोहब्बत दिल से नहीं, रूह से हो जाती है, तो दर्द देने लगता है वो सन् नाटे वो तन्हाई ,वो शाम, वो रातें... पर इन सब का जो इकलौता इलाज है, वो बस तुम हो। यकीनन गलती मेरी थी, पर आज हाथ जोड़कर माफ़ी माँगती हूँ। पूरा जहाँ रूठ जाए, मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, पर जब दिल खुद से रूठ जाए, तो फिर कुछ भी अच्छा नहीं लगता | मैंने माँगा है अपने खुदा से, कि तुम्हें हर वो चीज़ मिले जो तुम्हें खुश रखे। अब माफ़ी भी माँगी है मैंने, तेरे दिल को दुखाने के हर लम्हे के लिए। ख़ुदा माफ़ कर दे या तुम, बात बराबर ही है, मेरी जान... क्योंकि तुम मेरे लिए मेरा आसमान हो, मेरी ज़मीन हो, मेरी रूह बसती है तूममे, तुम ही मेरा दिल हो, और तुम ही मेरी मोहब्बत हो। एक शायर के लफ़्ज़ ख़त्म हो जाते हैं, मोहब्बत पर लिखते-लिखते, पर तुम्हे देखकर... मुझे मेरी मोहब्बत मुकम्मल लगती है। ©poetrybyakshat #moon_day