जिंदगी के इस सफर में न जाने वह कब दिल की धडकन बन गई... वह झुकी झुकी नजरो से चांदशी शर्मिली मुस्कानो से कभी ख्वाबो से कभी बातो से वह खोई खोई मुझमे ही उसकी मिठी मिठी बातो से वह चांद तारो की मैफिल से वह सर्दियो के मौसम में ही वह खोई खोई मुझमे ही जन्नतो की इस शहर में आया था दुनिया का दिल जितने मैं वह सपना मेरा ही बन गई वह खोई खोई मुझमे ही जिंदगी के इस सफर में न जाने वह कब दिल की धडकन बन गई.... ©Jaymala Bharkade 🥰 # वह खोई खोई मुझमे ही..@💜💖💜