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दो पल का था ये इश्क़ का सफर, क्या जरूरी था तुम्हा

दो पल का था ये इश्क़ का सफर,
 क्या जरूरी था तुम्हारा रूठ जाना।
कांच सा था वजूद दिल का,
जायज था इस का हर हाल में टूट जाना। कांच
दो पल का था ये इश्क़ का सफर,
 क्या जरूरी था तुम्हारा रूठ जाना।
कांच सा था वजूद दिल का,
जायज था इस का हर हाल में टूट जाना। कांच
rahulkhan6044

Rahul Khan

New Creator

कांच